अम्बेडकरनगर

रमाकांत पांडे ब्यूरो चीफ बेनकाब भ्रष्टाचार अंबेडकर नगर *कटेहरी में टिकट की जंग हुई ज्यादा रोचक*

Ramakant pandey

रमाकांत पांडे ब्यूरो चीफ
बेनकाब भ्रष्टाचार
अंबेडकर नगर
*कटेहरी में टिकट की जंग हुई ज्यादा रोचक*
अंबेडकरनगर। जिले की बहुचर्चित हुई कटेहरी विधानसभा सीट की जंग को लेकर मतदाताओं के बीच सर्वाधिक उत्सुकता का माहौल है। न सिर्फ कटेहरी, वरन दूसरी विधानसभा क्षेत्र के मतदाताओं व राजनीतिक दलों के कार्यकर्ताओं की निगाह कटेहरी की ओर लगी है। यहां भाजपा व निषाद पार्टी गठबंधन के बीच टिकट किसे मिलता है, यह सवाल अत्यंत रोचक हो गया है। हालांकि सीट निषाद पार्टी के खाते में जाना तय हो चुका है। फिर भी भाजपा से जुड़े दावेदार हिम्मत नहीं हार रहे हैं। ऐसे मेें इस सीट पर टिकट को लेकर चल रही दौड़ पूरे जिले में चर्चा का विषय बनी हुई है।विधानसभा चुनाव मेें अभी सभी पांच सीटों के लिए जिले में प्रमुख दलों की ओर से ज्यादातर प्रत्याशियों की घोषणा किया जाना बाकी है। इनमें से सिर्फ कटेहरी ही एक ऐसी सीट है, जहां पर प्रत्याशियों को लेकर पूरे जिले की निगाह लगी हुई है। आम नागरिकों के बीच यह जानने की भी दिलचस्पी बनी हुई है कि कटेहरी में भाजपा लड़ेगी या फिर उसके सहयोगी दल निषाद पार्टी से कोई प्रत्याशी मैदान में होगा।बीते दिनों ही यह खबर सामने लाई थी कि कटेहरी सीट निषाद पार्टी के कोटे में जा रही है। हालांकि भारतीय जनता पार्टी से जुड़े दावेदारों की ओर से जताए जा रहे तमाम दावों के चलते आम नागरिकों की उत्सुकता बढ़ी हुई है। इन सबके बीच कटेहरी क्षेत्र में निषाद पार्टी से टिकट मिलने का दावा कर रहे एक बिल्डर ने महरुआ में केंद्रीय चुनाव कार्यालय खोलकर अन्य दावेदारों की धड़कनें बढ़ा दी हैं।
बिल्डर की ओर से बाकायदा केंद्रीय कार्यालय की स्थापना के साथ ही वाहनों के लंबे काफिले के साथ प्रचार-प्रसार भी शुरू कर दिया गया है। यह बात अलग है कि अभी तक निषाद पार्टी की तरफ से एक अन्य दावेदार तथा भाजपा की तरफ से जुड़े तीन प्रमुख दावेदारों मेें से किसी ने न तो कार्यालय की स्थापना की है और न ही वाहनों का काफिला लेकर निकला जा रहा है।कटेहरी में रोचकता व उत्सुकता इसलिए भी बढ़ गई है, क्योंकि एक तरफ जहां निषाद पार्टी व भाजपा के अन्य दावेदार टिकट हासिल करने के लिए लखनऊ व दिल्ली में जुटे हुए हैं, वहीं आजमगढ़ निवासी बिल्डर की धमक कटेहरी में शुरू हो गई है। सफलता किसे हाथ लगती है, यह तो निषाद पार्टी के रुख पर ही तय होगा, लेकिन फिलवक्त कटेहरी की जंग ज्यादा रोचक हो गई है।

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