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प्रधानों की समस्याओं के संदर्भ में राज्यपाल को संबोधित ज्ञापन दिया।

State Crim Cheif Jaidev

प्रधानों की समस्याओं के संदर्भ में राज्यपाल को संबोधित ज्ञापन दिया।

संवाददाता
बेनकाब भ्रष्टाचार

बदायूं। राष्ट्रीय पंचायती राज ग्राम प्रधान संगठन जनपद बदायूं में संगठन के बरेली मंडल उपाध्यक्ष व बदायूं प्रभारी नज़र प्रधान एवं जिला अध्यक्ष दिनेश कुमार धारा भईया के संयुक्त नेतृत्व में ग्राम प्रधानों बा पदाधिकारियों के साथ ग्राम प्रधानों की समस्याओं के संदर्भ में महामहिम राज्यपाल उत्तर प्रदेश लखनऊ एवं माननीय मुख्यमंत्री उत्तर प्रदेश सरकार लखनऊ को संबोधित ज्ञापन जनपद बदायूं के जिला अधिकारी के माध्यम से शासन को भेजा। ज्ञापन में मुख्य मांग इस प्रकार है
1- ग्राम पंचायत में पंचायत राज अधिनियम के सुसंगत प्रावधानों के अनुरूप कार्य कराए जाने हेतु प्रभावी आदेश निर्गत किए जाएं।
2- सामुदायिक शौचालय का संचालन ग्राम पंचायत के सफाई कर्मियों तथा स्थानीय उपलब्धता के जरिए कम खर्च में बेहतर ढंग से कर सकती है इसलिए यह कार्य ग्राम पंचायतों के पास ही रहने दिया जाए।
3- विद्यालय -अनेक जरूरी एवं व्यापक जन हितकारी कार्यों के अवशेष रहते हुए भी कायाकल्प की बाध्यता समाप्त कर विद्युत बिल आज के भुगतान की व्यवस्था शिक्षा विभाग द्वारा की जाए।
4- पाइपलाइन पेयजल योजना- यह कार्य या तो जल निगम को दिया जाए अथवा इस पर आने वाले अनावती व्यय हेतु ग्राम निधि में अधिक धन राशि प्रदान की जाए।
5- ग्राम प्रधान का मानदेय- ग्राम प्रधान का मानदेय रु 15000 प्रतिमाह अनुमनय करते हुए इस हेतु अलग से बजटीय व्यवस्था प्राविधानित की जाए।
6- वित्तीय एवं प्रशासनिक स्वीकृति का अधिकार- ग्राम पंचायतों को रुपए 20 लाख की परियोजनाओं की वित्तीय एवं प्रशासनिक स्वीकृत का अधिकार दिया जाए।
7- सहायक सचिव की नियुक्ति- न्यूनतम वेतन के राजकीय प्रावधानों के अनुरूप पंचायत में वेतन भोगी कर्मचारी की नियुक्ति तथा इस हेतु कंप्यूटर की शिक्षा बाग कार्यानुभव को अनिवार्य करते हुए कर्मिक का चयन किया जाए। योग्य सफाई कर्मियों को सहायक सचिव बनाए जाने तथा सफाई हेतु ग्राम पंचायत को उत्तर दायित्व प्रदान किया जाए।
8- बीमा- कार्यकाल के दौरान मृत्यु की स्थिति में ग्राम प्रधान के उत्तराधिकारी को रुपए 25 लाख बीमा राशि प्रदान की जाए।
9- शस्त्र लाइसेंस- वर्णित शासनादेश के प्रावधान में ग्राम प्रधानों को शस्त्र लाइसेंस दिए जाने प्राथमिकता के साथ ही निस्तारण हेतु 3 माह के अधिकतम समय सीमा निर्धारित कराई जानी चाहिए।
10- विवेकाधीन कोष- आवश्यक नियमों एवं प्रतिबंधों के आधीन ग्राम प्रधानों को विवेकाधीन कोष प्रदान किया जाए।
11- आबादी के अनुरूप धन आवंटन-ङेवोलयूशन हेतु मात्राकृति धनराशि का 70% अंश पंचायतराज संस्थाओं को प्रदान किया जाए।
12- अनुदान का मात्राकरण- 30% की कटौती समाप्त करते हुए पूर्व की भांति यह धनराशि ग्राम पंचायतों को प्रदान की जाए। बल्कि उचित तो यह होगा कि उक्त धनराशि में वृद्धि भी की जाए।
13- बकाया भुगतान- जहां कही ग्राम पंचायतों की पुरानी देनदारियों शेष है उन्हें पूर्ण किए जाने तक नवीन कार्यों के भुगतान पर प्रतिबंध लगाया जाए।
14- वृक्षारोपण- 7-8 फीट ऊंचे पौधों के रोपण तथा इस हेतु ट्री- गार्ड ब सिंचाई आदि की व्यवस्था सहित वृक्षारोपण कराया जाए।
15- अवैध कब्जामुक्त एवं निषेध- ग्राम पंचायतों में निहित भू संपत्तियों को अवैध कब्जों से मुक्त करा कर ग्राम सभा को सुपुर्द कराया जाए तथा अवैध कब्जों के निषेध हेतु प्रभावी व्यवस्था नियोजित की जाए।भूमि प्रबंधन समिति की बैठक प्रत्येक तीन माह में अनिवार्य रूप से कराई जाए।
16- विशेष योजना हेतु पृथक राशि का नियोजन- प्रत्येक नये एवं अन्य विभागों के कार्यों जैसे हैंडपंप मरम्मत, हैंडपंपों की री-बोरिंग आदि हेतु अलग से धनराशि नियोजित की जाए।
ज्ञापन देने वालों में प्रमुख रूप से संगठन के बरिष्ठ नेता सोहनपाल साहू , पूर्व जिला अध्यक्ष धर्मेंद्र सिंह, जिला महासचिव विद्धम सिंह यादव, चंद्रकेश यादव, हरिओम मिश्रा, देवपाल पटेल, आरिफ अली, चंद्रप्रकाश सिंह, राजेश यादव डॉ प्रशांत, भुवनेश मौर्य, मिंटू शाक्य, सरिता राठौर, शिवदेवी कश्यप, मनोज कुमार,शगुप्ता, ज़ीशान, आदर्श द्विवेदी, डिबनसन लाल, गुलशन प्रताप सिंह, विशाल गुप्ता, आदर्श द्विवेदी अनार सिंह, मनोज वर्मा सहित सैकड़ों की संख्या में ग्राम प्रधान उपस्थित रहे।

बेनकाब भ्रष्टाचार

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