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प्रयागराज से पप्पू पाल की रिपोर्ट *देर रात हटाये गए एसएसपी सत्यार्थ अनिरुद्ध पंकज,* *69हजार शिक्षक भर्ती में शिक्षा माफियाओं की गर्दन तक पहुँचा था आईपीएस का हाथ*

*देर रात हटाये गए एसएसपी सत्यार्थ अनिरुद्ध पंकज,* *69हजार शिक्षक भर्ती में शिक्षा माफियाओं की गर्दन तक पहुँचा था आईपीएस का हाथ* प्रयागराज के एसएसपी आईपीएस सत्यार्थ अनिरुद्ध पंकज को योगी सरकार ने वेटिंग लिस्ट में डाल दिया है. और उनकी जगह आईपीएस अभिषेक दीक्षित प्रयागराज के नए एसएसपी बनाए गए हैं इस तबादले से योगी सरकार पर भ्रष्टाचार पर लगाम लगाने वाली बात जुमला साबित होती दिख रही है इस तबादले को लेकर लोगो मे गुस्सा भी है प्रतियोगी छात्रों का आरोप है कि नकल माफिया के खिलाफ कार्रवाई करने पर उन्हें हटाया गया उत्तर प्रदेश में 69हजार शिक्षक भर्ती के मामले में कई राज परत दर परत खोलने वाले सत्यार्थ अनिरुद्ध पंकज को प्रतीक्षारत सूची में डालने के फैसले पर प्रतियोगी छात्रों ने सवाल खड़े किए हैं आपको बता दें कि सत्यार्थ अनिरुद्ध पंकज ने ही प्रयागराज जनपद के सोरांव थाने में एक प्रतियोगी छात्र राहुल के अनुरोध तहरीर, पर एफआईआर कराई थी बता देकि एसएसपी ने खुद जांच की मॉनिटरिंग की थी इस जांच में दो ऐसे आईपीएस अफसरों को लगाया था, जिनकी पहचान पश्चिमी यूपी में नकल माफिया के नेटवर्क को ध्वस्त करने के लिए रही है वह अशोक वेंकटेश और अनिल यादव नाम हैे इन दोनो अफसरों के साथ एसएसपी ने इस रैकेट के कई सदस्यों को पकड़ा था एसएसपी सत्यार्थ अनिरुद्ध पंकज का भ्रष्टाचार के खिलाफ अभियान जारी था उन्होंने पुलिस महकमे के तीन लापरवाह और करप्ट पुलिस कर्मियों पर अहम कार्रवाई करते हुए उन्हें तत्काल सस्पेंड कर दिया था सस्पेंड पुलिसकर्मियों में एक एसएचओ भी शामिल था तीनों ही पुलिसकर्मियों के खिलाफ भ्रष्टाचार और काम में लापरवाही बरतने का आरोप था काफी समय से बहरिया थाने के एसएचओ,एक दरोगा और एक सिपाही की शिकायतें उन्हें लगातार मिल रही थीं इन्हीं शिकायतों के आधार पर एसएसपी ने इनकी जांच कराई थी जांच के बाद शिकायतें सच मिलने पर तीनों को सस्पेंड कर दिया था ऐसे ईमानदार अफसर के ऊपर किसी सरकार का गाज गिराना शुभ संकेत नही माना जा सकता,सत्यार्थ शिक्षक घोटाले की चाभी खोजने में लगभग कामयाब हो गए थे,ऐसे में उनका हटाया जाना हतप्रभ कर रहा है,सरकार की मंशा पर एक बड़ा प्रश्न चिंह लगा रहा है, बात यही खत्म नहीं होगी,सरकार को इसका जवाब देना ही होगा। ब्यूरो चीफ प्रयागराज से पप्पू पाल की रिपोर्ट

*देर रात हटाये गए एसएसपी सत्यार्थ अनिरुद्ध पंकज,*

*69हजार शिक्षक भर्ती में शिक्षा माफियाओं की गर्दन तक पहुँचा था आईपीएस का हाथ*

प्रयागराज के एसएसपी आईपीएस सत्यार्थ अनिरुद्ध पंकज को योगी सरकार ने वेटिंग लिस्ट में डाल दिया है. और उनकी जगह आईपीएस अभिषेक दीक्षित प्रयागराज के नए एसएसपी बनाए गए हैं
इस तबादले से योगी सरकार पर भ्रष्टाचार पर लगाम लगाने वाली बात जुमला साबित होती दिख रही है इस तबादले को लेकर लोगो मे गुस्सा भी है प्रतियोगी छात्रों का आरोप है कि नकल माफिया के खिलाफ कार्रवाई करने पर उन्हें हटाया गया
उत्तर प्रदेश में 69हजार शिक्षक भर्ती के मामले में कई राज परत दर परत खोलने वाले सत्यार्थ अनिरुद्ध पंकज को प्रतीक्षारत सूची में डालने के फैसले पर प्रतियोगी छात्रों ने सवाल खड़े किए हैं
आपको बता दें कि सत्यार्थ अनिरुद्ध पंकज ने ही प्रयागराज जनपद के सोरांव थाने में एक प्रतियोगी छात्र राहुल के अनुरोध तहरीर, पर एफआईआर कराई थी बता देकि एसएसपी ने खुद जांच की मॉनिटरिंग की थी इस जांच में दो ऐसे आईपीएस अफसरों को लगाया था, जिनकी पहचान पश्चिमी यूपी में नकल माफिया के नेटवर्क को ध्वस्त करने के लिए रही है वह अशोक वेंकटेश और अनिल यादव नाम हैे इन दोनो अफसरों के साथ एसएसपी ने इस रैकेट के कई सदस्यों को पकड़ा था
एसएसपी सत्यार्थ अनिरुद्ध पंकज का भ्रष्टाचार के खिलाफ अभियान जारी था उन्होंने पुलिस महकमे के तीन लापरवाह और करप्ट पुलिस कर्मियों पर अहम कार्रवाई करते हुए उन्हें तत्काल सस्पेंड कर दिया था
सस्पेंड पुलिसकर्मियों में एक एसएचओ भी शामिल था तीनों ही पुलिसकर्मियों के खिलाफ भ्रष्टाचार और काम में लापरवाही बरतने का आरोप था काफी समय से बहरिया थाने के एसएचओ,एक दरोगा और एक सिपाही की शिकायतें उन्हें लगातार मिल रही थीं इन्हीं शिकायतों के आधार पर एसएसपी ने इनकी जांच कराई थी जांच के बाद शिकायतें सच मिलने पर तीनों को सस्पेंड कर दिया था ऐसे ईमानदार अफसर के ऊपर किसी सरकार का गाज गिराना शुभ संकेत नही माना जा सकता,सत्यार्थ शिक्षक घोटाले की चाभी खोजने में लगभग कामयाब हो गए थे,ऐसे में उनका हटाया जाना हतप्रभ कर रहा है,सरकार की मंशा पर एक बड़ा प्रश्न चिंह लगा रहा है, बात यही खत्म नहीं होगी,सरकार को इसका जवाब देना ही होगा।

ब्यूरो चीफ प्रयागराज से पप्पू पाल की रिपोर्ट

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